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“All power is within you; you can do anything.” Swami Vivekananda

सोनू लोडवाल

पालम विहार ,सेक्टर ६ द्वारका ,दिल्ली

मैं सोनू लोडवाल पालम विहार ,सेक्टर ६ द्वारका ,दिल्ली में रहती हूँ। मैं बी ए पास हूँ और कुछ दिन पहले तक सिर्फ एक घरेलु महिला थी।मेरे पति मोबाइल रिपेरिंग का काम करते हैं। मेरी एक बेटी है जो चौथी क्लास में पढ़ती है। मेरी बेटी का EWS कैटेगरी में द्वारका के एक प्रतिष्ठित इंग्लिश मीडियम स्कूल में हो गया। ये हमारे लिए एक बहुत बड़ा सपना पूरा होने जैसा था। हमारे घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी हमनें बेटी का ट्यूशन भी लगवा दिया। प्राइवेट स्कूल में फ़ीस तो माफ़ थी लेकिन दूसरे कई खर्चे थे जिसको वहन करना हमारे लिए बहुत मुश्किल हो गया। अंततः हमें अपनी बेटी का ट्यूशन छुड़वाना पड़ा। तभी मुझे स्टैंड एन स्ट्राइड द्वारा चलाये जा रहे पाठशाला के बारे जानकारी मिली जहाँ पहली कक्षा से दसवीं कक्षा तक हिंदी और इंग्लिश मीडियम में फ्री शिक्षा दी जाती है। इनकी एक पाठशाला मेरे घर के बिलकुल पास में चलती है वहां मैं अपनी बेटी को फ्री ट्यूशन पढ़वाने के लिए ले गई। संयोगवश स्टैंड एन स्ट्राइड के प्रेजिडेंट श्रीमान आमोद जी उस दिन पाठशाला में आये हुए थे। आमोद सर ने मेरे बारे में पूरी जानकारी ली और मेरे एजुकेशन के बारे में जाना। उन्होंने मेरे बेटी को अपने पाठशाला में निशुल्क पढ़ने की इजाजत दे दी और साथ ही साथ उन्होंने अपने एक दूसरे पाठशाला में शिक्षिका की नौकरी का भी ऑफर दे दिया। मेरे आश्चर्य का ठिकाना नहीं रहा। पैसे की तो मुझे आवश्यकता थी लेकिन मैं कभी नौकरी करुँगी ये सोचा ही नहीं था। हालांकि शादी के पहले मैं बच्चों को पढ़ाती थी लेकिन काफी वक्त हो गए थे इसलिए मैं थोड़ा झिझक रही थी। लेकिन आमोद सर ने मेरी पूरी हौसलाअफजाई की और कहा की तूम पुनः पढ़ा पाओगी ये मेरा दृढ़ विश्वाश है। उस दिन के बाद से मैं इस संस्था का एक हिस्सा हो गई हूँ। अब समाज सेवा के साथ साथ मैं अपने परिवार की आमदनी में भी योगदान दे रही हूँ। मेरे अंदर की प्रतिभा को बाहर निकालने के लिए स्टैंड एन स्ट्राइड का बहुत ही शुक्रगुजार हूँ।

राम दुलारी

पालम विहार ,सेक्टर ६ द्वारका ,दिल्ली

मैं राम दुलारी एक वृद्ध महिला हूँ। मेरे पति फ़ौज में थे जिनकी कई वर्ष पूर्व मृत्यु हो चुकी है। मेरे एक मात्र बेटे की कुछ साल पहले एक दुर्घटना में मृत्यु हो गई है।मैं पालम विहार ,सेक्टर ६ द्वारका ,दिल्ली में रहती हूँ। मेरे साथ मेरे बेटे की बिधवा बहु और उसके दो छोटे बच्चे भानु (१२ साल) एवं निखिल (९ साल) तथा मेरी एक ४० वर्षीया अविवाहित बेटी रहती है। मेरी विधवा बहु ,बेटे के मौत के बाद मानसिक रूप से बीमार हो गई और विछिप्त सी घर में ही रहती है। मेरी बेटी पहले टैक्सी ड्राइवर थी और एयरपोर्ट पर केबिन क्रू का पिक अप ड्राप करती थी। उसने ड्राइवर का काम अब छोड़ दिया है और अपने भाई के बच्चों के लालन-पोषण में ही लगी रहती है।।मेरे पति ने एक छोटी सी जमींन लेकर अपना एक मकान बना लिया था जिसमे हम सारे लोग रहते हैं। मैंने अपने मकान का एक हिस्सा किराये पर दे रखा है जिससे कि हमलोगों का किसी तरह गुजरा चल जाता है। आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहते हुए भी मैंने दोनों बच्चों को एक मध्यम वर्गीय प्राइवेट स्कूल में एडमिशन करवाया। घर में कोई पढ़ा लिखा नहीं है, हमारे पास इतने पैसे भी नहीं थे की बच्चों को ट्यूशन पढ़वाया जाये।हमारे दोनों बच्चे पढ़ने में बहुत होशियार हैं। आज से चार साल पहले जब मुझे स्टैंड एन स्ट्राइड द्वारा चलाये जा रहे पाठशाला के बारे जानकारी मिली तब से मेरे दोनों बच्चे वहीं पढ़ने जाते हैं। स्टैंड एन स्ट्राइड ने मेरे दोनों बच्चों को गोद ले रखा है और वे लोग हमारे बच्चों की पढाई में हर संभव मदद कर रहे हैं। उन्होंने हमें आश्वस्त किया हुआ है कि दोनों बच्चों की पढ़ाई में कभी भी कोई बाधा नहीं आने देंगें। स्टैंड एन स्ट्राइड के आश्वाशन ने मेरी बूढ़ी आँखों में एक विश्वाश पैदा कर दिया है कि मेरे दोनों बच्चों का भविष्य सुरक्षित है।

हिरेन अधिकारी

मधु विहार ,दिल्ली

मेरा नाम हिरेन अधिकारी है और मैं मधु विहार ,दिल्ली में रहता हूँ। मूलतः मैं कूंच विहार ,पश्चिम बंगाल का रहना वाला हूँ। मैं द्वारका में इलेक्ट्रिशन का काम करता हूँ और मेरी पत्नी दूसरों के घर जाकर खाना बनाने का काम करती है। हम पति पत्नी दोनों अनपढ़ हैं और हस्ताक्षर भी नहीं कर पाते हैं। बड़े बड़े घरो में काम करने के बाद हम पति पत्नी को समझ में आ गया कि अनपढ़ होना कितना बड़ा अभिशाप है। हमारे दो बच्चे पायल (१२ साल) और सागर (९ साल ) हैं। शुरू से ही हमने निश्चय कर था कि हम अपने दोनों बच्चों को अनपढ़ नहीं रहने देंगे। प्राइवेट स्कूल हमलोग वहन नहीं कर सकते थे सो हमने दोनों बच्चों का सरकारी स्कूल में एडमिशन कराया। ईश्वर का धन्यवाद है कि बच्चे पढ़ाई में समझदार हैं। पिछले चार साल से अपने दोनों बच्चों को स्टैंड एन स्ट्राइड द्वारा चलाये जा रहे पाठशाला में भेज रहा हूँ। दोनों बच्चों के पढाई में बहुत सुधर हुआ है। दो साल पहले मेरे बेटे में पाठशाला के सदस्यों ने एक संभावना देखी और दूसरी कक्षा से ही उस पर विशेष ध्यान देने लगे और उसे राष्ट्रीय प्रतिभा स्कूल में एडमिशन के लिए तैयारी करने लगे। अंततः उन सब का प्रयास रंग लाया और मेरे बेटे का चौथी कक्षा में राष्ट्रीय प्रतिभा स्कूल द्वारका में नामांकन हो गया। स्टैंड एन स्ट्राइड का मैं दिल से शुक्रिया करता हूँ। आज भी मेरे दोनों बच्चे पाठशाला पढ़ने जाते हैं और उनके उज्जवल भविष्य के लिए निश्चिंत हूँ।